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बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- रंगाई के बाद (After treatment of dye) वस्त्रों के रंग की जाँच किस प्रकार से की जाती है?
उत्तर -
वस्त्र पर रंगाई करने के बाद उसके रंग की जाँच करना अति आवश्यक होता है। यदि वस्त्र पर रंगाई तो सुन्दर, मनभावन की है लेकिन जब वस्त्र को धोया जाता है तब उससे रंग निकलता है और रंग कच्चे होते हैं तो वस्त्र कुछ ही धुलाई के बाद धुंधंले पड़ जायेंगे और उनका आकर्षण समाप्त हो जायेगा। ऐसे वस्त्र कुछ समय बाद उपयोग के काबिल भी नहीं रहते हैं। इसलिए वस्त्रों की जांच करके उसे हर तरह से उपयोगी बनाया जाता है। रंगाई के बाद वस्त्रों की जांच करते समय निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान दिया जाता है-
(i) धुलाई के प्रति पक्कापन (Fastness for Washing) - रंगाई के बाद इस बात की जांच कर लेनी चाहिए की वस्त्र से धुलाई के बाद रंग न निकले। अगर धुलाई के बाद रंग निकलता है तो ऐसा वस्त्र जल्द ही खराब हो जाता है। धुलाई की दृष्टि से वस्त्र का रंग पक्का है या नहीं इसकी जाँच करने के लिए वस्त्र के छोटे-से टुकड़े को साबुन से धोकर गीली अवस्था में ही सफेद कपड़े के नीचे रखकर गरम इस्तरी से दबाकर देखना चाहिए। यदि रंग कच्चा होगा तो वस्त्र को खंगालने के बाद रंग पानी में निकलेगा और सफेद कपड़े पर रंग का धब्बा लग जाएगा। इस प्रकार से रंग के पक्केपन की जांच करने के लिए कपड़े के छोटे से टुकड़े का इस्तेमाल किया जाता है।
(ii) वाष्पन के प्रति पक्कापन (Fastness for Steaming) - बहुत से वस्त्र ऐसे भी होते हैं, जिन्हें उपयोग करने के बाद उनका वाष्पन करना अति आवश्यक होता है, जैसे चिकित्सकों के द्वारा उपयोग किये गये वस्त्र, ऐप्रन, रोगी के वस्त्र तथा उनका बिस्तर, बेड शीट आदि। इसलिए वाष्पन की दृष्टि से भी वस्त्रों का रंग पक्का होना चाहिए। रंग यदि वाष्पन के प्रति कच्चा होगा तो वस्त्र से रंग निकलेगा और यह देखने में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा। इसलिए रंग की जाँच वाष्पन के प्रति भी करनी चाहिए। वाष्पन के प्रति रंग की जाँच करने के लिए वस्त्र के एक छोटे से टुकड़े का उपयोग किया जाता है। वस्त्र का एक छोटा-सा टुकड़ा लेते हैं। इस टुकड़े के दोनों ओर श्वेत रंग का एक वस्त्र का टुकड़ा लगाकर इसे गरम चाय की केतली पर तान देते हैं। यदि रंग कच्चा होगा तो सफेद वस्त्र के टुकड़े पर रंग लग जायेगा।
(iii) इस्तरी के प्रति पंक्कापन (Fastness for Ironing) - वस्त्र का रंग इस्तरी के प्रति अवरोधक है या नहीं इसकी जाँच करने के लिए वस्त्र के एक छोटे-से टुकड़े को धोकर उस पर गरम इस्तरी रखनी चाहिए। इसके कुछ समय बाद इस्तरी को हटाकर उस वस्त्र की तुलना मूल वस्त्र के साथ करनी चाहिए। यदि दोनों वस्त्रों का रंग एक समान दिखता है तो रंग पक्का है। यदि दोनों वस्त्रों के रंगों के बीच अन्तर दिखता है तो वस्त्र का रंग कच्चा है। ऐसे वस्त्र को जितनी बार इस्तरी किया जायेगा, उतनी ही बार वस्त्र से रंग निकलेगा, जो वस्त्र के आकर्षण को कम कर देगा।
(iv) पसीने के प्रति पक्कापन (Fastness for Perspiration - जिन वस्त्रों को पहना जाता है, वह हमेशा ही त्वचा के सम्पर्क में रहते हैं। त्वचा से निरन्तर ही पसीना निकलता रहता है। यह पसीना वस्त्र पर भी लगता रहता है। अगर वस्त्र का रंग पसीने की दृष्टि से पक्का नहीं होगा तो उस स्थान से वस्त्र का रंग फीका पड़ जायेगा, जहाँ से वस्त्र पर पसीना लग रहा है। जिसकी वजह से वस्त्र पर जगह-जगह धब्बे पड़ जायेंगे। इसके परिणाम स्वरूप वस्त्र दो-चार ही पहनने के बाद धुंधला पड़ जायेगा। उसकी चमक फीकी पड़ जायेगी और वस्त्र भद्दा लगने लगेगा। इस प्रकार दो-चार बार ही उपयोग करने लायक होगा, उसके बाद वस्त्र का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। ऐसे वस्त्र को लोग पंसद नहीं करते है इसलिए वस्त्रों के रंग को पसीने के प्रति भी पक्का होना चाहिए। रंग पसीने के प्रति पक्का हैं या नहीं इसकी जांच करने के लिए वस्त्र के टुकड़े को किसी निर्बल अम्ल (Weak Acid) के घोल में पाँच से सात मिनट के लिए डुबोकर रखा जाता है। इसके बाद इसे किसी सफेद कपड़े में लपेटकर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। वस्त्र के सूख जाने के पश्चात् इस वस्त्र की तुलना मूल वस्त्र के साथ की जाती है। यदि दोनों वस्त्रों का रंग एक जैसा ही है अर्थात् एक समान है तो वस्त्र का रंग पक्का है और यदि दोनो वस्त्रों के रंगों में असमानता है तो यह निश्चित हो जाता है कि वस्त्र का रंग कच्चा है और पसीने वाले स्थान से वस्त्र का रंग फीका पड़ जायेगा। ऐसे वस्त्र परिधान के लिए उत्तम नहीं होते हैं, ये कुछ दिनों बाद ही उपयोग के योग्य नहीं रहते हैं।
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- प्रश्न- विभिन्न प्रकार की बुनाइयों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। 1. स्वीवेल बुनाई, 2. लीनो बुनाई।
- प्रश्न- वस्त्रों पर परिसज्जा एवं परिष्कृति से आप क्या समझती हैं? वस्त्रों पर परिसज्जा देना क्यों अनिवार्य है?
- प्रश्न- वस्त्रों पर परिष्कृति एवं परिसज्जा देने के ध्येय क्या हैं?
- प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। (1) मरसीकरण (Mercercizing) (2) जल भेद्य (Water Proofing) (3) अज्वलनशील परिसज्जा (Fire Proofing) (4) एंटी-सेप्टिक परिसज्जा (Anti-septic Finish)
- प्रश्न- परिसज्जा-विधियों की जानकारी से क्या लाभ है?
- प्रश्न- विरंजन या ब्लीचिंग को विस्तापूर्वक समझाइये।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabrics) का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- कैलेण्डरिंग एवं टेण्टरिंग परिसज्जा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सिंजिइंग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- साइजिंग को समझाइये।
- प्रश्न- नेपिंग या रोयें उठाना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए - i सेनफोराइजिंग व नक्काशी करना।
- प्रश्न- रसॉयल रिलीज फिनिश का सामान्य परिचय दीजिए।
- प्रश्न- परिसज्जा के आधार पर कपड़े कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- कार्य के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- स्थायित्व के आधार पर परिसज्जा का वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा (Finishing of Fabric) किसे कहते हैं? परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- स्काउअरिंग (Scouring) या स्वच्छ करना क्या होता है? संक्षिप्त में समझाइए |
- प्रश्न- कार्यात्मक परिसज्जा (Functional Finishes) किससे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- रंगाई से आप क्या समझतीं हैं? रंगों के प्राकृतिक वर्गीकरण को संक्षेप में समझाइए एवं विभिन्न तन्तुओं हेतु उनकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रोद्योग में रंगाई का क्या महत्व है? रंगों की प्राप्ति के विभिन्न स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रंगने की विभिन्न प्रावस्थाओं का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कपड़ों की घरेलू रंगाई की विधि की व्याख्या करें।
- प्रश्न- वस्त्रों की परिसज्जा रंगों द्वारा कैसे की जाती है? बांधकर रंगाई विधि का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बाटिक रंगने की कौन-सी विधि है। इसे विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- वस्त्र रंगाई की विभिन्न अवस्थाएँ कौन-कौन सी हैं? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों की रंगाई के समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- डाइरेक्ट रंग क्या हैं?
- प्रश्न- एजोइक रंग से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- रंगाई के सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? संक्षिप्त में इसका वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dye) के लाभ तथा हानियाँ क्या-क्या होती हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक रंग (Natural Dyes) किसे कहते हैं?
- प्रश्न- प्राकृतिक डाई (Natural Dyes) के क्या-क्या उपयोग होते हैं?
- प्रश्न- छपाई की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- इंकजेट (Inkjet) और डिजिटल (Digital) प्रिंटिंग क्या होती है? विस्तार से समझाइए?
- प्रश्न- डिजिटल प्रिंटिंग (Digital Printing) के क्या-क्या लाभ होते हैं?
- प्रश्न- रंगाई के बाद (After treatment of dye) वस्त्रों के रंग की जाँच किस प्रकार से की जाती है?
- प्रश्न- स्क्रीन प्रिटिंग के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्टेन्सिल छपाई का क्या आशय है। स्टेन्सिल छपाई के लाभ व हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक रंगाई प्रक्रिया के बारे में संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- ट्रांसफर प्रिंटिंग किसे कहते हैं? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- पॉलीक्रोमैटिक छपाई (Polychromatic Printing) क्या होती है? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- भारत की परम्परागत कढ़ाई कला के इतिहास पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिंध, कच्छ, काठियावाड़ और उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कर्नाटक की 'कसूती' कढ़ाई पर विस्तार से प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पंजाब की फुलकारी कशीदाकारी एवं बाग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- टिप्पणी लिखिए : (i) बंगाल की कांथा कढ़ाई (ii) कश्मीर की कशीदाकारी।
- प्रश्न- कच्छ, काठियावाड़ की कढ़ाई की क्या-क्या विशेषताएँ हैं? समझाइए।
- प्रश्न- कसूती कढ़ाई का विस्तृत रूप से उल्लेख करिए।
- प्रश्न- सांगानेरी (Sanganeri) छपाई का विस्तृत रूप से विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कलमकारी' छपाई का विस्तृत रूप से वर्णन करिए।
- प्रश्न- मधुबनी चित्रकारी के प्रकार, इतिहास तथा इसकी विशेषताओं के बारे में बताईए।
- प्रश्न- उत्तर प्रदेश की चिकन कढ़ाई का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जरदोजी कढ़ाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- इकत शब्द का अर्थ, प्रकार तथा उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- पोचमपल्ली पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बगरू (Bagru) छपाई का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कश्मीरी कालीन का संक्षिप्त रूप से परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों पर संक्षिप्त में एक टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत के परम्परागत वस्त्रों का उनकी कला तथा स्थानों के संदर्भ में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चन्देरी साड़ी का इतिहास व इसको बनाने की तकनीक बताइए।
- प्रश्न- हैदराबाद, बनारस और गुजरात के ब्रोकेड वस्त्रों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- बाँधनी (टाई एण्ड डाई) का इतिहास, महत्व बताइए।
- प्रश्न- टाई एण्ड डाई को विस्तार से समझाइए |
- प्रश्न- कढ़ाई कला के लिए प्रसिद्ध नगरों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पटोला वस्त्रों का निर्माण भारत के किन प्रदेशों में किया जाता है? पटोला वस्त्र निर्माण की तकनीक समझाइए।
- प्रश्न- औरंगाबाद के ब्रोकेड वस्त्रों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- गुजरात के प्रसिद्ध 'पटोला' वस्त्र पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- पुरुषों के वस्त्र खरीदते समय आप किन बातों का ध्यान रखेंगी? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों के चुनाव को प्रभावित करने वाले तत्वों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फैशन के आधार पर वस्त्रों के चुनाव को समझाइये।
- प्रश्न- परदे, ड्रेपरी एवं अपहोल्स्ट्री के वस्त्र चयन को बताइए।
- प्रश्न- वस्त्र निर्माण में काम आने वाले रेशों का चयन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- रेडीमेड (Readymade) कपड़ों के चुनाव में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- अपहोल्सटरी के वस्त्रों का चुनाव करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न- गृहोपयोगी लिनन (Household linen) का चुनाव करते समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है?
- प्रश्न- व्यवसाय के आधार पर वस्त्रों के चयन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूती वस्त्र गर्मी के मौसम के लिए सबसे उपयुक्त क्यों होते हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर के अनुकूल वस्त्रों का चयन किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- मौसम के अनुसार वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करते हैं?
- प्रश्न- वस्त्रों का प्रयोजन ही वस्त्र चुनाव का आधार है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बच्चों हेतु वस्त्रों का चुनाव किस प्रकार करेंगी?
- प्रश्न- गृह उपयोगी वस्त्रों के चुनाव में ध्यान रखने योग्य बातें बताइए।
- प्रश्न- फैशन एवं बजट किस प्रकार वस्त्रों के चयन को प्रभावित करते हैं? समझाइये |
- प्रश्न- लिनन को पहचानने के लिए किन्ही दो परीक्षणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ड्रेपरी के कपड़े का चुनाव कैसे करेंगे? इसका चुनाव करते समय किन-किन बातों पर विशेष ध्यान दिया जाता है?
- प्रश्न- वस्त्रों की सुरक्षा एवं उनके रख-रखाव के बारे में विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वस्त्रों की धुलाई के सामान्य सिद्धान्त लिखिए। विभिन्न वस्त्रों को धोने की विधियाँ भी लिखिए।
- प्रश्न- दाग धब्बे कितने वर्ग के होते हैं? इन्हें छुड़ाने के सामान्य निर्देशों को बताइये।
- प्रश्न- निम्नलिखित दागों को आप किस प्रकार छुड़ायेंगी - पान, जंग, चाय के दाग, हल्दी का दाग, स्याही का दाग, चीनी के धब्बे, कीचड़ के दाग आदि।
- प्रश्न- ड्राई धुलाई से आप क्या समझते हैं? गीली तथा शुष्क धुलाई में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- वस्त्रों को किस प्रकार से संचयित किया जाता है, विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- वस्त्रों को घर पर धोने से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- धुलाई की कितनी विधियाँ होती है?
- प्रश्न- चिकनाई दूर करने वाले पदार्थों की क्रिया विधि बताइये।
- प्रश्न- शुष्क धुलाई के लाभ व हानियाँ लिखिए।
- प्रश्न- शुष्क धुलाई में प्रयुक्त सामग्री व इसकी प्रयोग विधि को संक्षेप में समझाइये?
- प्रश्न- धुलाई में प्रयुक्त होने वाले सहायक रिएजेन्ट के नाम लिखिये।
- प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचित करने का क्या महत्व है?
- प्रश्न- वस्त्रों को स्वच्छता से संचयित करने की विधि बताए।











